नागपुर: रूद्र गणेश मंडल यह जरीपटका का एक ऐसा मंडल है जहां आपको हर साल भगवान गणेश विभिन्न तरह की बड़े स्वरूप की प्रतिमा दिखेगी। मंडल को 27 साल हो चुके है और पिछले 2014 से मंडल अलग तरह की बप्पा की प्रतिमा स्थापित कर रहा है। मंडल के अध्यक्ष कहते है कि इस तरह की प्रतिमा स्थापित करने का उद्देश्य यह है कि लोग जिन्हे हिंदू संस्कृत और देवी-देवताओं के बारें में जानकारी नहीं है उन्हें इनसे अवगत कराया जा सके।
इस बार बप्पा का विनायकी अवतार किया गया स्थापित
पिछले कुछ वर्षों से अग्निदेव,गॉड ऑफ़ सी, नरसिम्हा अवतार की स्थापना की जा चुकी है। साथ ही मंडल में आने वाले श्रद्धालुओं को इसकी संक्षिप्त में जानकारी भी मिल जाती है ताकि लोगों को इसकी जानकारी हो।
विनायकी की विशेषता
विनायकी बप्पा का फीमेल अवतार है! भगवान गणेश ने यह अवतार अपनी मां पार्वती को बचाने और नारी शक्ति के बारें में बताने के लिए धारण किया था।
विनायकी, गणेशिनी या गजानिनी के नाम से जाने जाने वाले गणेश के स्त्री रूप के बारे में अधिक लोगों को जानकारी नहीं है। पुराणों या प्राचीन ग्रंथों में विनायकी का कोई उल्लेख नहीं है। विनायकी या गणेश के स्त्री रूप को इस देवता की पहचान माना जाता है। कुछ विद्वानों का दावा है कि विनायकी देवी पार्वती देवी की सहयोगी 'मालिनी' हैं। मत्स्य पुराण में विनायकी का उल्लेख है। विनायकी देवी को मत्स्य पुराण के साथ-साथ विष्णु धर्म पुराण के बाद देवी की सूची में शामिल पाया गया है। पुराणों में एक किंवदंती है जो विनायकी देवी यानी गणेश के स्त्री रूप या 'शक्ति' को सिद्ध करती है।
कैसे पड़ा 'रूद्र गणेश मंडल' नाम?
रूद्र मंडल की टीम ही पूरी तरह से बप्पा के साज-सजावट का काम करती है। जब पहली बार रूद्र स्वरुप में बप्पा की मूर्ति स्थापित की गई थी तभी से लोगों ने ही इसे 'रूद्र गणेश मंडल' कहकर संबोधित करना शुरू कर दिया था।