स्कुल ड्राप आउट सोहेल ने कबाड़ से बनाई बाइक

    15-Dec-2022
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नागपुर: टैलेंट किसी डिग्री का मोहताज नहीं होता इस बात को आज का युवा हर कदम पर साबित कर रहा है। इसी कड़ी में अब नागपुर के सोहैल शेख का नाम भी जुड़ गया है। सोहेल ने दो साल पहले 10 वीं में फेल होने के बाद आगे की पढ़ाई नई की लेकिन उसने अपने टैलेंट और कबाड़ की मदद से कम लागत वाली एक 125CC पेट्रोल बाइक विकसित है। इस बाइक को बनाने के लिए सोहेल को केवल 9 से 10 हजार का खर्चा आया है।
 
 
सोहेल शेख जाफर नगर के पास रोज़ नगर में रहता है। परिवार में भाई फैजान है जो अपनी शिक्षा के लिए सेल्स मेन के तौर पर काम करता है। पिता ट्रक ड्राइवर है जबकि मां घर में सिलाई बुनाई का काम करती है।
 
सोहेल ने दो साल पहले दसवीं में फेल होने के बाद पढ़ाई छोड़ दी थी। सोहेल कहता है कि उसका मन थ्योरेटिकल से ज्यादा प्रैक्टिकल कामो में लगता है। इसलिए उसने पढ़ाई छोड़ने के बाद एक लक्ष्य निर्धारित किया और अपने इस टैलेंट पर काम किया। 2019 में सोहेल ने पहली बार लगभग 1,500 रुपये खर्च कर एक ऑल टेरेन साइकिल बनाने की कोशिश की थी। सिंगल सीट वाली साइकिल भी दूसरी साइकिलों के कबाड़ से बनी थी। इसका इसका वजन 25 किग्रा तक हो गया था, और तकनीकी समस्याओं के कारण यह परीक्षण सफल नहीं हो पाया।
 
सोहेल कहता है बचपन से ही वह कुछ बड़ा और अलग करना चाहता था। उसने जंगल या साहसिक कार्य में उपयोग की जाने वाली एक अनूठी साइकिल विकसित करने की कोशिश की। लेकिन वह परीक्षण असफल रहा। फिर अपनी कला को निखारते हुए कई दिनों तक छोटे-छोटे परीक्षण किये। उसने कबाड़ से कूलर, रोबोट और भी बहुत कुछ विकसित करने की कोशिश की। जिसमें वह सफल भी रहा। फिर सोहेल ने बाइक के अपने प्रोजेक्ट पर काम किया और डेढ़ साल की रिसर्च, ढाई से तीन महीने की मेहनत के बाद इस बाइक को विकसित किया।
 
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सोहेल ने आगे बताया कि उसे इसकी प्रेरणा एक जर्मनी की सोल मोटर्स की इलेक्ट्रिक बाइक के डिजाइन से मिली है। उसने इस बाइक में एक पुरानी खराब हो चुकी होंडा बाइक का इस्तेमाल किया है और नई बाइक बनाने के लिए अन्य सामग्री इकट्ठी की। फ्रेम बनाने के लिए लोहे का एक बड़ा पाइप खरीदा, आगे का पहिया एक Access 125 का है जबकि पिछला पहिया एक्टिवा 5G है। शॉक अब्सॉरबेर और हैंडलबार को एक अन्य स्क्रैप बाइक से लिया है। चूंकि सोहेल के पिता ट्रक ड्राइवर है तो उसने उनसे ट्रक हेडलाइट ली है। यह बाइक 90 की स्पीड से चलती है और 50 इसकी एवरेज स्पीड है। सोहेल ने इसका ट्रायल गोरेवाड़ा के जंगल में किया है। इस बाइक में सोहेल ने कबाड़ से बैक व्हील, फ्रंट व्हील, इंजिन, चेचिस मटेरियल, हैंडल टायर्स, फ्रंट शॉकप, बैक शॉकप, ड्रम्ब और स्टेपनी का इस्तेमाल किया है। सोहेल ने इस कम लागत वाली बाइक के बाद कम लागत वाली कार बनाने की ठानी है। जिसके लिए वह रिसर्च कर रहा है।